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Tuesday, January 31, 2012

MAHATMA GANDHI

३१ जनवरी १९४८ को महात्मा गाँधी की सांसारिक हत्या तो मात्र एक गोली से हो गयी परन्तु बापू भारतीय-राष्ट्र ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण धरती पर अजर-अमर हो गए, उन्हें अमरत्व की प्राप्ति हो गयी I हे राम ! हे राम ! हे राम के मंत्र से गाँधी अमर हो गए ; अमरत्व को प्राप्त कर लिया उन्होंने ! फिर भी मात्र एक वर्ष पूर्व ही भारत हजारो-हजार साल की दासता और विदेशी उत्पीडन से मुक्त हुआ था - गाँधी की हत्या स्वतंत्र भारत की बिडम्बनापूर्ण कुकृत्य की पहली घटना थी, यह दुर्भाग्य ही था कि सत्य और अहिंसा के अनुयायी-पुजारी का प्राणांत हिंसा से हुआ और अभी-अभी स्वतंत्र हुआ भारत अपने पुनर्निर्माण के लिए बापू का सान्निध्य और स्वदेशी मार्गदर्शन से वंचित रह गया i 
भगवान बुद्ध की सत्य और अहिंसा तथा स्वामी विवेकानंद की त्याग और सेवा से अभिमंत्रित बापू के जीवन का अंत हिंसा से होगा यह बापू के दृढ-निश्चयी विश्वास का कदापि एक दुखद पहलु अवश्य है i महात्मा गाँधी का जन्म भारतीय इतिहास के इस अकाट्य सत्य को स्वीकारती है कि पृथ्वी पर भारत ही एकमात्र ऐसा पुण्य-भूमि है जहाँ ऋषियों-मुनियों, संत- महात्माओं का जन्म युगों-युगों में बारम्बार होते रहते हैं i ईश्वर या प्रकृति की पुनरावृति संतों और महात्माओं के रूप में इस धरती पर हमेशा ही होते आये हैं i महात्मा गाँधी जैसे संतो के प्रादुर्भाव ने तो यह प्रमाणित ही किया है की भारत वह पुण्य-भूमि है जहाँ युगों-युगों से मानव-मूल्यों की मौलिक विचारधारा की सरिता भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भूगोल को शांति-सद्भावना और वैश्विक भाईचारे के लिए अपने सिधान्तो, विचारों और दर्शनों से सम्पूर्ण विश्व को अनुप्राणित करती रही है i आज महात्मा गाँधी पोरवंदर, गुजरात में जन्मे मोहनदास करमचंद गाँधी नहीं रहे वरन वे एक विचार हो गए - वे एक सिधांत हो गए - एक दर्शन हो गए और सर्वोपरि की वे एक धारा बन गए !
गांधीवाद - सत्य और अहिंसा, त्याग और सेवा के कर्मयोग का एक अद्भुत मिश्रण जहाँ परदुख- कातरता ; दूसरों की पीड़ा को आत्मसात करना-वैष्णव हो जाना - वैदिक हो जाना गांधीवाद का मर्म है ! गांधीवाद एक दर्शन है एक सिधांत है एक विचारधारा है मानवता को धारण करने का - प्राकृतिक पशुवत स्वभाव से मनुष्यता प्राप्त करने के संस्कार का दर्शन है गांधीवाद ! व्यक्तिगत जीवन हो या पारिवारिक ;सामाजिक हो या राजनैतिक ; आर्थिक हो या धार्मिक सभी कुछ मानवतावादी हो यही है गांधीवाद !
                                                                                                                     क्रमशः 







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